Monday, 30 March 2015

खुद सहयोग कर नही सकते, लेकिन इनको चाहिये मोदी सरकार का पूरा सहयोग

==>> खुद सहयोग कर नही सकते, लेकिन इनको चाहिये मोदी सरकार का पूरा सहयोग <<==

AK-67 ने BJP मेयरों से कहा, 'केंद्र से मांगो पैसे'।
तो केजरी से पूछो तू सरकार बनाके दिल्ली में क्यों बैठा है ???
केजरीवाल ने बीजेपी के मेयरो को पैसे देने से साफ़ इंकार कर दिया .. खुद पानी के लिए खट्टर के आगे किस मुंह से हाथ पसार रहे है ? देख लेना फ्रस्टेट होकर अंत के केजरीवाल भी पानी के लिए अजीत पवार वाला जबाब ही देने वाले है।
यह एक जिम्मेदार नेता की भाषा नही हो सकती यह तो पहले ही मालूम था, केजरीवाल देल्ही का सरदर्द है. क्या नेता चूना है देल्ही की जनता ने...धन्ये है ऐसी जनता...
अभी तो "पार्टी (नौटंकी) शुरु हुई है" देखते जाओ !!!



हर बार हिन्दुओ को ही क्यों बलि का बकरा बनाया जाता है है

===>> हर बार हिन्दुओ को ही क्यों बलि का बकरा बनाया जाता है  है  <<==
1 गांधी मरा, 6000 ब्राहमणों को मारा गया, 1 इंदिरा मारी, 4700 सिखों को मारा गया, 1 दामनी को दर्दनाक मौत दी गयी, 1 मोमबत्ती जली !
मुस्लमान वन्दे मातरम न बोले तो ये उन का धार्मिक मामला है, नरेन्द्र मोदी टोपी ना पहने तो ये उन का सांप्रदायिक मामला है ?
डेनमार्क में अगर कोई फोटो बन गयी तो उस का सर कलम, श्रीराम की जमीन पर अगर मंदिर बना तो हिन्दू बेशर्म !
गोधरा में जो ५६ हिन्दू पहले जले वो भेड़ बकरी और उसके बाद जो मुस्लिम मरे वो देश के सच्चे प्रहरी ?
१५ साल पहले ही कश्मीर हो गयी हिंदुवो से खाली, देश की बढती मुस्लिम आबादी हमारी खुशहाली ?
पठानी सूत, नमाजी टोपी में वो ख़ूबसूरत, हम सिर्फ तिलक लगा लें या राम कह दे तो आतंक की मूरत ?
कोई लड़ता है यहाँ पाकिस्तान के लिए,
कोई लड़ता है उर्दू जुबान के लिए,
सब चुप हो जाते हैं श्री राम के लिए,
अब तो गूंजते हैं नारे तालिबान के लिए,
हिन्दू परेशान है नौकरी और दुकान के लिए !
मैं पूछता हूँ इसका समाधान कहाँ है?
अरे तुम ही बोलो हिन्दू का हिन्दुस्तान कहाँ है ?

     

अन्ना का NGOs कनेक्शन, अन्ना के Back Supporter कोन

= => अन्ना का NGOs कनेक्शन, अन्ना के Back Supporter कोन <==

पिछले तीन वर्षों से ये गुरु-चेले एक दूसरे को फूटी आँख नहीं देखना चाहते थे, आज दोनों मिलकर जनता की आँखों में धूल झोंक रहें हैं
जनता कि जंतर मंतर भीड नही हुई तो क्या हुवा? आज पुरा आप से लेके पाप तक और ISI से लेके NGOs तक सारे एकजुट हो गई है सरे ब्लैक लिस्ट NGOs आज एना के साथ है और तो और चंदे का धन्दा भी खूब जोरो से चल रहा है अये दिन कोई न कोई check थमा जाता है अन्ना को |
पिछले 15 वर्षों में इस किशन बाबूराव उर्फ़ अन्ना के गृहप्रदेश महाराष्ट्र के कांग्रेसी शासन में हुए 70,000 करोड़ के सिंचाई घोटाले से किसान तबाह हो गए, लगभग 90,000 हज़ार किसानों ने आत्महत्या की.
खुद इसके गृहजिले अहमद नगर में लगभग 5,000 किसानों ने आत्महत्या की.
लेकिन उस दौरान इन मुद्दों को लेकर ये किशन बाबूराव उर्फ़ अन्ना महाराष्ट्र में किसी कांग्रेसी CM के खिलाफ, दिल्ली में किसी कांग्रेसी PM के खिलाफ, सोनिया-राहुल के खिलाफ धरने पर कभी नही बैठा. उनके खिलाफ कभी एक शब्द तक नहीं बोला
बंगाल में ममता बनर्जी सरकार में हुए दसियों हज़ार करोड़ के सारदा घोटाले में लाखों किसान लुट गए. लेकिन ये किशन बाबूराव उर्फ़ अन्ना लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी के लिए वोट मांगकर ममता बनर्जी को PM बनाने के लिए कलकत्ता से दिल्ली तक सियासी मुजरा करते हुए घूम रहा था.
लेकिन ये अन्ना लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी के लिए वोट मांगकर ममता बनर्जी को PM बनाने के लिए कलकत्ता से दिल्ली तक सियासी नौटंकी करते हुए घूम रहे थे।
आज जब मोदी जी देश की बेरोजगारी कम करने के लिये प्रयत्न कर रहे हैं तो किसानों को तो कोई कष्ट नहीं पर ये लोग अपनी दुकान का प्रदर्शन कम NGOs सग्रक्षण जांदा लग रहा है अन्ना को जिस हिसाब से NGOs का समर्थन मिला रहा है आप खुद समज सकते है इसके पीछे कोन है और क्या चाहता है |
" जय हिन्द जय भारत "
@विक्रम लाला



इन दलालों की मंडी में ईमानदारों की कोई जगह नहीं है

===>> इन दलालों की मंडी में ईमानदारों की कोई जगह नहीं है <<===

देश में दलाल और बिकाऊ सेकुलर पत्रकारों के बिच एक राष्ट्रभक्त, ईमानदार और देश प्रेमी पत्रकार भी हैं, जिनका नाम Awadhesh Kumar है,, (https://www.facebook.com/awadheshkum)

चुनाव के पहले कई चैनलों पर उन्हें बहस करते देखने को मिलता था, आज कल कई दिनों से दिखाई नहीं दे रहें,

" लगता है इन दलालों की मंडी में ईमानदारों की कोई जगह नहीं है !! "

सभी हिन्दू भइयो से अनुरोद है जांदा से जांदा share करे ताकि बिद्बा बिलाप दोगली मीडिया को भी पता चले सच्चाई छिप नही सकते छिपाने से ...

जय हिन्द

सरहद से लगे इस गुजराती गांव का पूरी दुनिया में बज रहा है डंका !!

==> सरहद से लगे इस गुजराती गांव का पूरी दुनिया में बज रहा है डंका <<==
पाटण (गुजरात)। उत्तर गुजरात के चार में से एक महत्वपूर्ण और पिछड़े जिलों में आने वाला पाटण जिला आज दुनिया के नक्शे पर सूर्य की तरह चमचमा रहा है। गुजरात का यह वह इलाका है, जहां हमेशा कुदरत का कोप बरसता रहता है। बरसात तो यहां बिल्कुल न के बराबर ही होती है। बरसात की अनिश्चितता और पानी की कमी के कारण गर्मी में तो यहां पशु-पक्षी सहित संपूर्ण मानव जाति त्राहि-त्राहि कर उठती है। इस पर भी आज यह जिला गुजरात ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के पटल पर जगमगा रहा है। पहले यह जिला सूर्य के कोप के लिए जाना जाता था और इसकी कोई पहचान नहीं थी।
अब एशिया के सबसे बड़े सोलर पार्क के लिए मशहूर हो रहा है। तीन साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने चारंका को सोलर पार्क को देश को समर्पित किया था। तब इसकी क्षमता 214 मेगावॉट थी। अब इसका विस्तार हो चुका है। अब यह 400 मेगावॉट बिजली उत्पादन करेगा। इसे बनाने में सरकार और निजी कंपनियों ने जिम्मा लिया था।
पाकिस्तान की सरहद और कच्छ के सफेद रण से लगा हुआ चारणका गांव सौर ऊर्जा के प्रयोग के लिए मिसाल बन गया है। रेगिस्तानी इलाके चारणका में 3000 एकड़ बंजर भूमि पर स्थापित गुजरात सोलर पार्क पूरे एशिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क है। इसका शिलान्यास गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिसंबर-2010 में और उद्घाटन 19 अप्रैल 2012 में किया गया था। यह सोलर पार्क विंड और सोलर एनर्जी का हाईब्रिड पॉवर प्रोजेक्ट है।
- 17 कंपनियों के 17 प्रोजेक्ट:
- 4900 हेक्टेयर में फैला हुआ है
- 274 मेगावॉट क्षमता बढ़ाई गई
- 20 डेवलपर्स ने मिलकर बनाया



क्या एक बार फिर इस्लामिक इतिहास दोहराया जा रहा है ?

===>>  क्या एक बार फिर इस्लामिक इतिहास दोहराया जा रहा है ? <<===

मुग़ल साम्राज्य में जिस तरह से हिन्दुओ का कत्लेआम किया गया और उन्हें इस्लाम अपनाने पर मजबूर किया गया ! ८०० सालो की गुलामी के बाद हम अपने संस्कारो से भले ही हिन्दू धर्म को बचा पाये हो ! लेकिन एक बार फिर खतरा मंडराने लगा है ! इसका ताज़ा उदहारण isis के आतंकवादियों द्वारा भगवा कपडे में लोगो की हत्या करना ! क्या ये संकेत है हमारे लिए ! जागो वर्ना इस बार अस्तित्व भी नहीं बचेगा ! पसंद आये तो जरूर शेयर करे !!

जो इराक आज हालात देख रहा हे उससे भयानक दृश्य भारत ने 700 साल पहले देखा था। हम भले ही भूल जाए पर 700 साल पूर्व जो बर्बरता हमारे पूर्वजो से झेली वो कम नहीं थी :
1. मीर कसिम ने सिंध में रात को धोखे से घुस कर एक रात में 50000 से ज्यादा हिन्दुओ का कत्लेआम कर सिंध पर कब्ज़ा किया।
2. सोमनाथ मंदिर के अन्दर मोजूद 32500 ब्रह्मिनो के खून से मुहम्मद गजनवी ने परिसर को नहला दिया था।
3. सोमनाथ में लगी भगवान् की मूर्तियों को मुहम्मद गजनवी ने अपने दरबार और शोचालय के सीढियों में लगवा दिया था ताकि वो रोज उनके पैर नीचे आती रहे।
4. औरंगजेब के इस्लाम काबुल करवाने के खुले आदेश के बाद सबसे ज्यादा तबाही आई। कुछ को जबरदस्ती से मुस्लिम बनवाया गया जो आज त्यागी, राठोड, चौधरी, जट, राजावत, भाटी, मोह्यल नाम लगाकर घूम रहे हे।
5. औरंगजेब ने ब्रह्मिनो द्वारा इस्लाम कबूल ना करने पर उन्ह्र गर्म पानी में उबाल कर जिन्दा चमड़ी उतरवाने का फरमान जारी किया। ब्रह्मिनो की शिखाए और जनेउ जलाकर औरंगजेब ने अपने नहाने का पानी गर्म किया।
6. मुहम्मद जलालुदीन (अकबर) ने हर हिन्दू राज्य जीतने पर वहा की लडकियों को उठवा दिया और मीना बाजार और हरम में पंहुचा दी जाती हे।
7. अजयमेरु का सोमेश्वर नाथ शिव मंदिर तोड़कर अजमेर दरगाह खड़ी की गयी साथ ही वैष्णव मंदिर तोड़ ढाई दिन का झोपड़ा तयार किया गया। इनका सबूत हे वहा लगी कलाकृतिया जिस पर हिन्दू देवी देवता स्वस्तिक आदि बने हुए हे।
8. अलाउदीन खिलजी की सेना से धरम और कुल की रक्षा करने के लिए चित्तौड़ की रानी पद्मिनी और 26000 राजपूत वीरंगानो ने अग्नि कुंद में कुदकर जोहर प्रथा निभाई।
9. बहादुर शाह जफ़र की चित्तौड़ पर आक्रमण के बाद फिर मुघ्लो से धर्म और स्वभिमान की रक्षा के लिए चितौड़ की रानी कर्णावती ने 18000 राजपूत स्त्रियों के साथ अग्निकुंड में कूद जोहर करना चाहा पर लकड़ी कम पड़ने के कारन बारूद के ढेर के साथ वीरांगनाओ ने खुद को उड़ा दिया।
10. मुहम्मद जलालुदीन के आक्रमण पर चित्तौड़ में फिर महारानी जयमल मेड़तिया ने 12000 राजपूत स्त्रियों के साथ अग्निकुंद में कूद जोहर किया।

एक समय था अरब के पर्शिया से लेकर इंडोनेशिया तक हिन्दू धरम अनुयायी थी कितने करोड़ लाखो की लाशे बिछा दी गयी, कितनी ही स्त्रियों ने बलिदान दिए, कितने लाखो मन्दिर टूटे, कितने तरह के जुल्म हुए अपने इतिहास को भूलने वाले एक सफल भविष्य नहीं बना सकते


मदरसे राष्ट्रीयता की नहीं, आतंकवाद की शिक्षा देते हैं

==>> मदरसों की पुस्तकों में पढ़ाए जाने वाले कुछ अंश <<==
मदरसे राष्ट्रीयता की नहीं, आतंकवाद की शिक्षा देते हैं
1. अल्लाह को पूज, वतन को ना पूज (पृ.68, मनुहाजू अलहरव्यातू-भाग-2)
2. ऐ खुदा हम तेरी इबादत करते हैं और शुक्र करते हैं, किसी दूसरे खुदा की इबादत नहीं करते। (पृ. 70, मनुहाजू अलहरव्यातू, भाग-2)
3. अरब के लोग अक्सर मिट्टी और पत्थर की मूर्तियां बनाकर उन्हें पूजते थे। लड़कियों को पैदा होते उन्हें मार डालते, हज़ारों गुनाह किया करते, धीरे-धीरे लोग इस्लाम को मानने लगे। उनको समझाया गया कि आप बुतों की पूजा क्यों करते हो। खुदा एक है उसकी इबादत करो (पृ. 16, बेदीनी)
4. हर एक मुसलमान को चाहिए कि वह खुदा के रास्ते पर ही चले। (पृ. 37, बेदीनी)
5. आपने फरमाया कि अगर तुम मुझे सच्चा समझते हो तो खुदा एक है। इसके सिवा कोई इबादत के लायक नहीं है। जो नहीं मानता वह जूतियों की पूजा करते हैं और सब काफिर हैं। तुम लोग अल्लाह पर ईमान लाओ वरना दोज़ख में जाओगे (पृ. 34, रसूल अरबी)
6. कुछ कौमें गाय के गोबर और पेशाब को पवित्र मानती हैं। गोबर से चैका देती हैं। हमारे नज़दीक इसका पेशाब और गोबर दोनों नापाक हैं। कपड़े या और चीज़ की दरमभर जगह पर पड़ जाए तो वह पलीद हो जाती है (पृ. 39, उर्दू की दूसरी किताब)
7. बाज़ लोग गाय की बहुत ताजीम (इज्जत) करते हैं। इसका नाम लेना हो तो अदब का लिहाज करके ‘गोमाता’ कहते हैं। इतना ही नहीं बल्कि उसके सामने माथा भी टेकते हैं और उसे पूजते हैं। हमारे मजहब में यह दुरुस्थ नहीं है क्योंकि यह चीज़ खुदा ने हमारे आराम के लिए बनायी हैं। इतना ही काफी है कि हम उसे अच्छी हाल में रखें। आराम पाएं, यह नहीं कि उसकी ऐसी इज्ज़त करें और पूजें। (पृ 41, उर्दू की दूसरी किताब)
8. हिन्दुस्तान में करोड़ों बुतों की पूजा होती थी - किस कदर शर्म की बात है। बदन के नापाक हिस्सों - लिंग को भी पूजा जाता था। हर शहर में अलग-अलग हुकूमत, लूटमार, झगड़े-फसाद थे। दुनिया को उस समय सच्चे रहबर की ज़रूरत थी। हुज़ूर हलिया वस्लम (पृ. 32, तारीख इस्लाम, प्रथम भाग)
9. शहर मक्का यहाँ तक कि खाना काबा के भी जो खास इबादत का मकाम है और बड़ा मुकद्दस घर है, मिट्टी और पत्थर की मूर्ति जिन्हें बुत कहते हैं, रखी गईं और उनकी पूजा होने लगी। इस हालत में अल्लाहताला ने अपने फजलवा कर्म से हजरत इस्माइल हलिया इस्लाम के घराने में हमारे रसूल करीम अल्लाह वलिया वस्लम को पैदा किया। जिनकी पाक तालीम की बदौलत दुनिया के बड़े हिस्से से बुतपरस्ती का नामोनिशान बिल्कुल मिट गया और सिर्फ खुदा की ही परस्ती होने लगी। (पृ. 4-5, बे-दीनी)
10. सवाल: जो लोग खुदाताला के सिवा और किसी की पूजा करते हैं या दो-तीन खुदा की पूजा करते हैं, उन्हें क्या कहते हैं ?
जवाब: ऐसे लोगों को काफिर मुशरफ कहते हैं।
सवाल: मुशरफ बख्शे जाएंगे कि नहीं ?
जवाब: मुशरफों की बक्शीश नहीं होगी। वह हमेशा तकलीफ (मुसीबत) में रहेंगे
सवाल: क्या यह कह सकते हैं कि हिन्दुओं के पेशवा जैसे कृष्ण जी, रामचन्द्र जी वगैरह खुदा के पैगम्बर थे ?
जवाब: नहीं कह सकते - क्योंकि पैगम्बरी का खास ओहदा है जो खुदा की तरफ से खास बंदों को अता फरमाया जाता था। हिन्दुओं या अन्य कौमों के पेशवाओं के मुतालिक हम ज़्यादा से ज़्यादा इस कदर कह सकते हैं कि अगर उनके अमान दुरुस्त हों और उसकी तालीम आसमानी तालीम के खिलाफ न हों तो मुमकिन हैं कि वे नबी हैं मगर ये कहना अटकल का तीर है। (पृ. 12, तालीम इस्लाम का हिस्सा - 4)

मोदी से प्रभावित होकर अमेरिका से आए और गांव में कर दिया उजाला

 सूरत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आदर्श गांव’ और ‘स्वच्छता अभियान’ की गूंज अब देश ही नहीं, विदेशों में भी सुनाई देने लगी है। अमेरिका में रहने वाले एक एनआरआई मोदी के स्वच्छता अभियान से इतने प्रभावित हुए कि वे अमेरिका से अपने गांव सिर्फ इसीलिए आए कि गांव को आदर्श गांव बना सकें।
सूरत जिले और कामरेज तहसील के दिगस गांव में जन्मे सुरेशभाई देसाई अब अमेरिका में स्थायी हो चुके हैं। हालांकि वे प्रतिवर्ष गांव आते रहते थे। पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की यात्रा की और वहां रहने वाले भारतीयों को संबोधित किया था। इस दौरान मोदी ने भारत स्वच्छता अभियान की भी चर्चा की थी और भारतीयों से अपील की थी वे भी इस अभियान में अपना योगदान दें।
मोदी की इस बात का सुरेशभाई पर इतना असर हुआ कि उन्होंने उसी समय अपने गांव दिगस को आदर्श गांव बनाने का फैसला कर लिया और गांव आ पहुंचे। सुरेशभाई ने गांव में साफ-सफाई के लिए लोगों को प्रेरित करने की भी कोशिश की, लेकिन शुरुआत में उन्हें किसी का सहयोग नहीं मिला। इसलिए उन्होंने अकेले इस अभियान को आगे बढ़ाने का फैसला कर लिया। हाथों में झाड़ू उठाकर खुद ही साफ-सफाई करने लगे। जब यह दृश्य और लोगों ने देखा तो उनके अभियान में वे जुड़ते चले गए। और इसका नतीजा यह हुआ कि कभी गंदगी से भरा दिखाई देने वाला दिगस गांव आज चमचमाता हुआ नजर आने लगा है।




प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी के विदेश यात्राओ का सच

==>> प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी के विदेश यात्राओ का सच <<==

" इसाई परस्त और इस्लामिक चंदा बालि मिडिया नही बतायेगी "

समाचारों में कई बार सुना कि 28 साल बाद कोई भारत का प्रधान मंत्री श्री लंका गया, नेपाल में कोई भारत का प्रधान मंत्री 17 साल बाद गया, ऑस्ट्रेलिया 28 साल बाद, Seychelles 34 साल बाद, Fiji 33 वर्ष, म्यांमार 25 वर्ष …… इसके नुक्सान क्या हुवे इसके बारे में तथ्य जुटाने के बाद पता चला कि जब दिल्ली के लुटियन जोन वाले घोटाले, आरक्षण, लूट-खसोट, जीरो लॉस, दलाली, तुष्टिकरण में व्यस्त थे तब चीन अलग ही काम में व्यस्त था - वो था String of Pearls (Indian Ocean) Strategy. इसके तहत चीन ने अपने तट से सूडान तक एक ऐसी रेखा बना डाली जिससे भारत समुद्र में फंसने की तरफ बढ़ चला। मंडेब, मलक्का, होमरूज़ और लोम्बोक की खाड़ी से होते हुवे श्री लंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश, मालदीव्स और सोमालिया तक ऐसा सामरिक और व्यापारिक रेखा खड़ी कर दिया जिससे भारत को बड़ी चोट दी जा सके। दक्षिणी चीन सागर के हैनान, वुडी और परासल द्वीप में अपने मजबूत बेस बाए। दक्षिणी चीन सागर में कब्ज़ा बनाने के बाद ड्रैगन हिन्द महासागर की तरफ बढ़ा। बांग्ला देश के चित्तगोंग में एक बड़ा नवल यार्ड बनाने के बाद श्री लंका के हम्बनबोटा में 20 अरब डॉलर का कमर्शियल शिपिंग सेंटर बनाया। उसके बाद पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को बनाया जिसपे कहने मात्र को पाकिस्तान का कब्ज़ा है लेकिन इस पोर्ट का असल सामरिक और व्यापारिक अधिपत्य चीन के पास है। मालदीवस के मराओ एटोल इलाके में युद्धक क्षमता विकसित किया है। 20 अरब डॉलर के सूडान और 10 अरब डॉलर की लागत से तंज़ानिया के बंदरगाहों पे anti - piracy के बहाने से अपनी मज़बूत स्थिति बनाई।

चीन के चक्रव्यूह को देखते हुवे। अब इस नयी सरकार ने इस दिशा में कदम उठाया है …
और "सागरमाला" नामक रणनीति पर काम शुरू कर दिया है...
नेपाल में बिजली कारखाना, सड़क और बुनियादी सुविधाओं के लिए मदद एक सफल कोशिश की नेपाल चीन के तरफ फिर न जाए (नेपाली माओवादी पहले ये कर चुके है), उसके बाद म्यांमार, फिजी यात्रा भारत को चीन के करीब बेस बनाने का स्थान पाने का सफल कोशिश,
वियतनाम को स्वदेशी पोत - जिससे अब दक्षिणी चीन सागर में न सिर्फ भारत की सामरिक शक्ति का एहसास हुवा हैं बल्कि ONGC जैसे भारतीय कंपनी को तेल शोधन के लिए सारे जरूरी सहयोग भी मिल रहा है।

अब Seychelles, मारीशियस और श्री लंका की यात्रा से भारत को बहुत बड़ा strategic फायदा मिल रहा है, भारत Seychelles में रडार लगाएगा, कण्ट्रोल मारीशियस से होगा, भारत का टोही एयर बेस भी बन जाएगा जिससे चीन की उसके String of Pearls (Indian Ocean) Strategy की सारी जानकारी भारत को उपलब्ध रहेगी ...... चीन की शतरंजी चलों के जवाब में मोदी जी ने शाह मात का खेल चालू कर दिया है। आने वाले दिनों में PM मोदी की यात्रा मेरे अनुमान के अनुसार मोज़ाम्बीक, ज़िम्बाब्वे, दक्षिणी अफ्रीका, ओमान के अलावा इंडोनेशिया, फ़िलीपीन्स और विएतनाम होंगे.....

आज एक सज्जन पूछ रहे थे - इतने दिन में मोदी ने किया ही क्या है?
सच बात है...इतने दिन में काँग्रेस तो कई हजार करोड़ के घोटाले कर देती...!!