==>> कांग्रेस की चाल, हिन्दुओ के नष्ट करने धारा 28,29,30A <<==
"" भइयो मित्रो जांदा से जांदा हिन्दू भइयो को share करे और बताये ""
कोन कहता है की कांग्रेस ने हिन्दुओ को कुछ नही दिया, एसे-एसे जखन दिए है अगर बताने लग जाऊ तो अगले 65 साल भी कम पढ़ जाये | हिन्दुओ को गुलाम और हिंदुस्तान को इस्लामिक कन्ट्री बन्ने का जीता जगता उदहारण है धारा 28,29,30A है |
"" भइयो मित्रो जांदा से जांदा हिन्दू भइयो को share करे और बताये ""
कोन कहता है की कांग्रेस ने हिन्दुओ को कुछ नही दिया, एसे-एसे जखन दिए है अगर बताने लग जाऊ तो अगले 65 साल भी कम पढ़ जाये | हिन्दुओ को गुलाम और हिंदुस्तान को इस्लामिक कन्ट्री बन्ने का जीता जगता उदहारण है धारा 28,29,30A है |
इन धरो में साफ लिखा
हुआ है की मुस्लिम स्कूल में कुरान पढ़ाया जा सकता है, इसाई स्कूल में
बाइबिल पढ़ाया जा सकता है, मगर किसी भी हिंदी स्कूल में वेद, गीता या रामायण
नहीं पढ़ाया जा सकता। ऐसा मैं नहीं कह रहा, यह संविधान की धारा 28,29,30A
में लिखा है। यह हिन्दू और हिन्दू संस्कृति को नष्ट करने का कांग्रेसी
षड्यंत्र है। इसमें ये लोग सफल भी हो रहे हैं।।
ईसाई मिशनरी की एक शाखा जिसे रोमन केथोलिक कहते है, वह धर्मं प्रचार के लिए कितना खर्च करते है यह इस post में देख सकते हैं। फिर मालूम पड़ेगा कि हिंदू कितने कंगाल है, पैसे से नहीं, धर्म के प्रति सेवा और समर्पण की भावना से। इनको सेवा करना कम बल्कि आपस में लड़ना, एक दूसरे को नीचा दिखाना, अधिकार मिलते ही दूसरे की औकात टटोलना ही सर्वोपरि धर्म मालूम पड़ता है। अपनी तुच्छ सोच, संकीर्ण मानसिकता, हीन भावना से ऐसे ग्रस्त हैं कि इनको उठाने वाले ही पतित नजर आते हैं। ऐसे हिंदुओं की रक्षा भगवान भी नहीं कर सकते। दुर्योधन के पास ११ अक्षौहिणी सेना थी तो पांडवों के पास ७ अक्षौहिणी सेना थी तब भगवान उनकी रक्षा कर सके। यदि एक अक्षौहिणी
सेना होती तो भगवान पांडवो को नमस्कार करके चले जाते। ईसाई लोगों की संस्था एक साल में १४५,०००,०००,००० डॉलर खर्च कर सकती है और हम? धन्य है हमारी सेवा और समर्पण की भावना को? शायद ये बात भी किसी को हजम भी न हो क्योंकि हाजमा ही खराब हो गया है तो क्या किया जाये
जागो हिन्दू काँग्रेसी षढयन्त्र को पहचानो "मुसलमान स्कूलोँ मेँ कुरान पढा सकते हैँ ईसाई बाईबल पढा सकते हैँ लेकिन हिन्दू वेद. गीता ,रामायण की धार्मिक शिक्षा नहीँ दे सकते" धारा 28,29,30A
ईसाई मिशनरी की एक शाखा जिसे रोमन केथोलिक कहते है, वह धर्मं प्रचार के लिए कितना खर्च करते है यह इस post में देख सकते हैं। फिर मालूम पड़ेगा कि हिंदू कितने कंगाल है, पैसे से नहीं, धर्म के प्रति सेवा और समर्पण की भावना से। इनको सेवा करना कम बल्कि आपस में लड़ना, एक दूसरे को नीचा दिखाना, अधिकार मिलते ही दूसरे की औकात टटोलना ही सर्वोपरि धर्म मालूम पड़ता है। अपनी तुच्छ सोच, संकीर्ण मानसिकता, हीन भावना से ऐसे ग्रस्त हैं कि इनको उठाने वाले ही पतित नजर आते हैं। ऐसे हिंदुओं की रक्षा भगवान भी नहीं कर सकते। दुर्योधन के पास ११ अक्षौहिणी सेना थी तो पांडवों के पास ७ अक्षौहिणी सेना थी तब भगवान उनकी रक्षा कर सके। यदि एक अक्षौहिणी
सेना होती तो भगवान पांडवो को नमस्कार करके चले जाते। ईसाई लोगों की संस्था एक साल में १४५,०००,०००,००० डॉलर खर्च कर सकती है और हम? धन्य है हमारी सेवा और समर्पण की भावना को? शायद ये बात भी किसी को हजम भी न हो क्योंकि हाजमा ही खराब हो गया है तो क्या किया जाये
जागो हिन्दू काँग्रेसी षढयन्त्र को पहचानो "मुसलमान स्कूलोँ मेँ कुरान पढा सकते हैँ ईसाई बाईबल पढा सकते हैँ लेकिन हिन्दू वेद. गीता ,रामायण की धार्मिक शिक्षा नहीँ दे सकते" धारा 28,29,30A
bakrichod porki abbu gandi and pimpChachha nehruGazi the gay couple must be wiped out from bharat itihaas
ReplyDeleteअच्छी जानकारी है
ReplyDeleteYadi hum Hindu Congreess party ka BINASH Nehi Karenge tu Congreess party hum HINDUNKI BINASH Kar dega,,,
ReplyDeleteBe Carefull,,,
Duniya main Rehena hai tu Ladhna hoga,
SB SE Pehele Muslim & Christen ko Desh Se Nikalajaye,,,,&
Humare HINDUSTAN ko Hindu Desh Banaya Jaye,,
BHARAT MATA ki JaY
ReplyDeleteदेश के बंटवारे के समय पाकिस्तान को तो महात्मा गांधी ने मुस्लिम राष्ट्र बनने दिया परंतु भारत को हिंदुस्तान नहीं बनने दिया। जाते-जाते मुस्लिमों को गांधी ने यहीं रोक लिया और आज हम उसका परिणाम भुगत रहे हैं।
Gand...was madarchod and neru was katu a any doubt
ReplyDeleteRight they are very bad our future
ReplyDeleteहिन्दू मंदिरों में भी बहुत चंदा आता है।बहुत चढ़ावा चढ़ता है लेकिन वो सिर्फ पंडों की नल में चला जाता है।धर्म के कार्यो में एक फूटी कौड़ी भी खर्च नहीं होती ।जिन धर्मो की हम बात करते हैं ।पहले हिन्दू सब जातियों को हिन्दू तो माने ।हिन्दू अपनी अपनी जाति की ऐंठ में जी रहा है।सिर्फ बातें बन वालो ।दूसरों पर कींचड़ उछलवालो।करना धरना कुछ नहीं।
ReplyDeleteचंद लोग जिन्हें हम मुगल शासक कहते हैं ।आये और धीरे धीरे पूरे भारत को लूटते रहे ।शासन करते रहे ।और हिन्दू राजा चुपचाप ये तमासा देखते रहे।100 -100रानियों का लुफ्त उठाते रहे।और जब धर्म को बचाने की बारी आई तो ये सब मुसलमान भी बन गए ।
ReplyDeleteइसके पीछे हिंदू एकीकरण अभाव का मूल कारण छुआछूत ऊंच नीच नए एक साथ बैठ कर खा सकते मैं एक साथ बैठ सकते
ReplyDeleteहमारा धार्मिक संस्थानों धार्मिक मंदिरों और धार्मिक जगह का पैसा सरकार के खजाने में चला जाता है कम से कम इस धार्मिक पैसे से तो हम अपनी संस्कृति और धर्म की शिक्षा दे सकते हैं
ReplyDeletePlease find the solution
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