Friday, 29 May 2015

" मेक इन इंडिया " से बदलेगी भारत की तस्वीर

==>> " मेक इन इंडिया " से बदलेगी भारत की तस्वीर

नरेन्द्र मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ का नारा दिया है। जेसे बाल गंगाधर तिलक के नारे ‘स्वराज हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है, ने जहां आजादी के आंदोलन की अस्मिता को गतिशीलता दिलाई थी और आजादी प्राप्ति के प्रति जागरूकता पैदा की थी सर्वप्रथम आजादी के आंदोलन के दौरान बाल गंगाधर तिलक ने ‘स्वराज हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है’ का नारा दिया था। आजादी प्राप्ति के बाद लाल बहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया था। आजाद भारत में लाल बहादुर शास्त्री के नारे ‘जय जवान जय किसान’ ने देश की सीमा पर लडऩे वाले सैनिकों और अन्नदाता किसानों के सम्मान और उनके विकास को रेखांकित किया था, फलस्वरूप सीमा पर देश की सुरक्षा सुनिश्चित हुई और देश अन्न उत्पादन मे आत्मनिर्भर बना था। नरेन्द्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ की गति क्या होगी, यह नारा देश की तस्वीर बदल पाएगा या नहीं, देश की बेरोजगारी दूर कर पाएगा या नहीं, इन प्रश्नों का उत्तर फिलहाल नहीं है। फिर भी उम्मीद होनी चाहिए कि नरेन्द्र मोदी का मेक इन इंडिया का नारा जरूर देश की तस्वीर बदलेगा।
सरकार की मेक इन इंडिया पहल सीधे-सीधे मैन्यूफैक्चरिंग यानी विनिर्माण क्षेत्र से जुड़ी हुई है। इसके तहत पूरा जोर इस बात पर है कि देश में विनिर्माण बढ़ाया जाए। प्रधानमंत्री ने कई मौकों पर इस बारे में जो बातें बोली हैं, उससे लगता है कि वे इस क्षेत्र को देश के आर्थिक विकास को गति देने के साथ बेरोजगारी कम करने के लिए भी जरूरी मानते हैं। मेक इन इंडिया योजना शुरू करते वक्त प्रधानमंत्री ने जो बातें बोलीं, उससे एक बात यह भी निकलती है कि वे किसी भी तरह भारत में निवेश लाना चाहते हैं और इसके लिए कारोबारी घराने जिन जरूरी शर्तों को पूरा करने की बात करते हैं, उन्हें पूरा करने के लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है।
वैसे इस योजना के तहत निवेश बढ़ाने के मकसद से सरकार ने ऐसे 25 महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान की है जिनमें सरकार के मुताबिक विश्व स्तर पर भारत अग्रणी बन सकता है। इन क्षेत्रों में आॅटोमोबाइल, रसायन, सूचना तकनीक, दवा, कपड़ा, बंदरगाह, उड्डयन, चमड़ा, पर्यटन एवं आवभगत और रेलवे शामिल हैं। इसके अलावा मेक इन इंडिया पहल के तहत उन चुनिंदा घरेलू कंपनियों पर भी सरकार ध्यान केंद्रित कर रही है जो नवाचार और नई तकनीक के मामले में आगे हैं। सरकार इन्हें वैश्विक मंच मुहैया कराने में मदद करना चाहती है।
कंपनियों को अगर भारत में अपार संभावना दिखाई दे रही है, तो इसका कारण देश का तेजी से उभरता मध्यवर्ग और उसकी बढ़ती हुई क्रयशक्ति ही है। फिर ‘मेक इन इंडिया’ की संभावना पैदा करने में मोदी सरकार के कुछ हालिया फैसलों का भी बड़ा रोल है। आर्थिक सुधारों और इंफ्रास्ट्रक्चर तथा अन्य क्षेत्रों में उठाए जा रहे उसके कदम निवेश के लिए उत्साह पैदा कर रहे हैं। भारत को कारोबार के अनुकूल देश बनाने के लिए मोदी सरकार ने बीमा तथा रक्षा क्षेत्र में 49 फीसदी एफडीआई की स्वीकृति दी है। इसी तरह श्रम कानूनों को सरल और कारगर बनाने की रूपरेखा भी तैयार की है। सरकार ने श्रम कानूनों में संशोधन के लिए लोकसभा में दो विधेयक पेश किए हैं। इसके तहत महिलाओं को रात की पाली में काम करने के नियमों में ढील देने, ओवर टाइम की सीमा बढ़ाए जाने और गैर-स्नातक इंजीनियरों के लिए प्रशिक्षण देने जैसी व्यवस्था की जाएगी। इसी तरह सरकार ने श्रम और कारोबार क्षेत्र में ‘इंस्पेक्टर राज’ समाप्त करने का संकेत देते हुए इंस्पेक्टरों के विवेकाधीन अधिकार खत्म कर उन्हें ज्यादा जिम्मेदार बनाने की बात भी कही है।
कुछ कम्पनियों ने निबेश करना चालू कर दिया तो कुछ निबेश की कतार में है एशिया में सबसे जांदा बागीगारी दिखाई है वो है जापान व रासीया (Russ) ने Difference Setter को चुना है वेसे भी रूस हमेसा से हिंदुस्तान का बफादार मित्र रहा है और कुछ यूरोप देश जो पहले से ही हिंदुस्तान में कार्य रात है उन्होंने अपने निवेश को दुगना के साथ के साथ नए निबेसो को भी जगह दी है .
जिनमे से कुछ कम्पनिया सामिल है :-
1) मेक इन इंडिया: बीएमडब्ल्यू की कारें अब होंगी 50% भारतीय.
http://navbharattimes.indiatimes.com/…/article…/47188123.cms
2) आकाश मिसाइल, मेक इन इंडिया की मिसाल.
http://www.samaylive.com/…/akash-missile-an-example-make-in…
3) अब आईआईटी खड़गपुर में 'मेक इन इंडिया' कोर्स.
http://www.prabhatkhabar.com/…/iit-kharagpur-be…/439802.html
4) माइक्रोसॉफ्ट और इंटेल ने मिलाया हाथ विश्व के सबसे बड़े सेमीकंडक्टर निर्माता कंपनी WPG से भारत में NuPC नाम का नया हथेली जितने कंप्यूटर डिवाइस को बनाने के लिए जो मेक इन इंडिया के नाम पर बनेगा |
http://indianexpress.com/…/intel-microsoft-back-wpgs-made-…/
5) अब जर्मनी की नजर ‘मेक इन इंडिया’ पर | 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक की लागत से नौसेना के लिए देश में ही 6 पनडुब्बी बनाने की परियोजना को हाल ही में मंजूरी दी है।
http://hindi.webdunia.com/…/make-in-india-115052400014_1.ht…
6) मेक इन इंडिया के तहत जुलाई में होंडा की 650 सीसी बाइक |
http://www.amarujala.com/…/honda-cbr650f-to-be-launched-in…/
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भइयो मित्रो आप सभ का सहयोग और आप सभ की भागिदारी की जरुरत है की " मेक इन इंडिया" के नारे को जांदा से जांदा शेयर करे ताकि जनजन को पता चले की मेक इन इंडिया एक नारा नही एक इंक्लाव है जिसे पुरे देश में लाना है और उन सेक्युलर के मुह पर तमाचा मरना है जो सेकुलररिजम के लिए हमेसा अपना पिछवाडा खोले रहते है |
जय हिन्द जय भारत
~आप का हिन्दू भाई~


मोदीजी के पास दो विकल्प थे, 1) सरकारी तंत्र , 2) लोकलुभावना तंत्र

==> मोदीजी के पास दो विकल्प थे, 1) सरकारी तंत्र , 2) लोकलुभावना तंत्र <<==

मित्रो 100% में से 99% लोग कहते है की राजनीती एक धन्दा है राजनीती या राजनेता ने कभी किसी गरीव का भला नही किया जिसमे में में भी एक था, लेकिन मोदी जी के राजनेतिक कार्यो कूटनीति चाल और देश व समाज के प्रति भागीदारी को देखते हुए मेरा राजनेतिक नजरिया बदल गया है मेरा मानना है की राजनीती नेक इरादों के साथ की जाये तो हर काम सही और हर बर्ग को फ़ायदा होता है

1) सरकारी तंत्र : - एक तो ये कि वो क्रमबद्ध तरीके से सरकारी तंत्र को सही करते जिससे कि देश के लोगों को लंबे समय तक इसका लाभ हो। जिसे हर बर्ग के लोगो को लाभ मिले निबेस, रोजगार और काम धन्दो की कोई कमी न हो |
जबकि दूसरा विकल्प यह था वे सरकार को मिले प्रचंड बहुमत के बाद लोकलुभावनी योजनाएँ शुरू कर सुर्खियां बटोरते।

2) लोकलुभावना तंत्र :- दूसरा विकल्प काफी आसान था और जनता इसकी आदी हो चुकी थी। जेसे जनता को लोकलुभावनी योजनाएँ फ्री का रासन, बिजली, पानी और सभी को आरछण देके जनता को लुभाब्ने वादे करके 5 साल खूब सुर्खियां बटोरते।

लेकिन मोदीजी ने पहला विकल्प चुना। सरकारी तंत्र को दुरुस्त और मजबूत करने का काम शुरू किया।
उन्होने देश हित में देश को मजबूत करने के लिए जो सबसे सही था वही किया और कर रहे हैं।
अब हमारे ऊपर है कि हमें हमारा भविष्य सुद्रण चाहिए, हमारे देश का विश्व पटल पर सर्वोच्च स्थान चाहिए या अभी के अभी पेट्रोल 40 रुपये चाहिए और बाद में मंदी के समय कार बेचनी पड़े ऐसी नौबत चाहिए।
मोदीजी के नेतृत्व में हमारा देश विश्वगुरु बनकर रहेगा और मैं पूर्ण विश्वास और आस्था के साथ मोदीजी से जुड़ा रहूँगा।
मित्रो अपनी राय जरुद दे तभो तो जनता और आप को सहयोग का पता चलेगा |
" जय हिन्द जय भारत "








Wednesday, 8 April 2015

राष्ट्र आगे कैसे बढे

===>>  राष्ट्र आगे कैसे बढे  <<===


1. जब नहाने के बाद "Deo" लगाना जरुरी और भगवान के सामने सर झुकाना "मजबूरी लगे तो राष्ट्र आगे कैसे बढे??......
2. जब "Dirty Picture" जैसी फिल्मों को राष्ट्रीय पुरस्कार मिले और "पान सिंह तोमर" जैसे फिल्में फ्लॉप रहे.....
3. जब "विदेशी" स्टेटस सिम्बल और स्वदेशी "बेकार लगे तो राष्ट्र आगे कैसे बढे??.....
4. जब 3 करोड का शो करने वाला "आमिर खान" नेशनल हिरो बने. तो राष्ट्र आगे कैसे बढे??.....
5. जब युवाओं को "हिन्दी" बोलने में शर्म और "अंग्रेजी" बोलने में गर्व का अनुभव करे तो राष्ट्र आगे कैसे बढे??.....
6. जब राष्ट्र का युवा "मॉल" में जेबें कटवाए और बाहर "ठेले"पर मोल भाव करें तो राष्ट्र आगे कैसे बढे??....
7. जब गर्लफ्रेंड के लिए "कविताएं" लिखने वाला युवा राष्ट्र की स्थिति पर "मौन" रहे तो राष्ट्र आगे कैसे बढे??.....
8. अनगिनत महान "ग्रंथों" के होने के बावजूद हिन्दुओं का चरित्र पतन हो तो राष्ट्र आगे कैसे बढे??......
9. जब एक क्रिकेट मैच जीतने पर क्रिकेटरों को "करोडों" और एक टीवी शो, स्टेज शो करने वाले बॉलीवुड हीरो को "करोडों" मिले. लेकिन राष्ट्र की सेवा में अपनी जान तक देने वाले सैनिकों-सिपाहियों को "लाख" भी ना मिले तो राष्ट्र आगे कैसे बढे??.....
10. जब क्रिकेटरों को "भगवान" माना जाए. लेकिन तथाकथित सेकुलरिज्म की आड में "भगवान श्रीराम" के अस्तित्व और आस्था पर ही प्रश्न खडे किए जाएं तो राष्ट्र आगे कैसे बढे??....
11. जब किसी धर्म विशेष तथाकथित शांतिदूतों के तुष्टीकरण के लिए "आतंकवादियों" को ही "राष्ट्रीय बेटी, बेटा" बना दिया जाए तो राष्ट्र आगे कैसे बढे??...



कांग्रेस की चाल, हिन्दुओ के नष्ट करने धारा 28,29,30A

==>> कांग्रेस की चाल, हिन्दुओ के नष्ट करने धारा 28,29,30A <<==
"" भइयो मित्रो जांदा से जांदा हिन्दू भइयो को share करे और बताये ""
कोन कहता है की कांग्रेस ने हिन्दुओ को कुछ नही दिया, एसे-एसे जखन दिए है अगर बताने लग जाऊ तो अगले 65 साल भी कम पढ़ जाये | हिन्दुओ को गुलाम और हिंदुस्तान को इस्लामिक कन्ट्री बन्ने का जीता जगता उदहारण है धारा 28,29,30A है |
इन धरो में साफ लिखा हुआ है की मुस्लिम स्कूल में कुरान पढ़ाया जा सकता है, इसाई स्कूल में बाइबिल पढ़ाया जा सकता है, मगर किसी भी हिंदी स्कूल में वेद, गीता या रामायण नहीं पढ़ाया जा सकता। ऐसा मैं नहीं कह रहा, यह संविधान की धारा 28,29,30A में लिखा है। यह हिन्दू और हिन्दू संस्कृति को नष्ट करने का कांग्रेसी षड्यंत्र है। इसमें ये लोग सफल भी हो रहे हैं।।
ईसाई मिशनरी की एक शाखा जिसे रोमन केथोलिक कहते है, वह धर्मं प्रचार के लिए कितना खर्च करते है यह इस post में देख सकते हैं। फिर मालूम पड़ेगा कि हिंदू कितने कंगाल है, पैसे से नहीं, धर्म के प्रति सेवा और समर्पण की भावना से। इनको सेवा करना कम बल्कि आपस में लड़ना, एक दूसरे को नीचा दिखाना, अधिकार मिलते ही दूसरे की औकात टटोलना ही सर्वोपरि धर्म मालूम पड़ता है। अपनी तुच्छ सोच, संकीर्ण मानसिकता, हीन भावना से ऐसे ग्रस्त हैं कि इनको उठाने वाले ही पतित नजर आते हैं। ऐसे हिंदुओं की रक्षा भगवान भी नहीं कर सकते। दुर्योधन के पास ११ अक्षौहिणी सेना थी तो पांडवों के पास ७ अक्षौहिणी सेना थी तब भगवान उनकी रक्षा कर सके। यदि एक अक्षौहिणी
सेना होती तो भगवान पांडवो को नमस्कार करके चले जाते। ईसाई लोगों की संस्था एक साल में १४५,०००,०००,००० डॉलर खर्च कर सकती है और हम? धन्य है हमारी सेवा और समर्पण की भावना को? शायद ये बात भी किसी को हजम भी न हो क्योंकि हाजमा ही खराब हो गया है तो क्या किया जाये
जागो हिन्दू काँग्रेसी षढयन्त्र को पहचानो "मुसलमान स्कूलोँ मेँ कुरान पढा सकते हैँ ईसाई बाईबल पढा सकते हैँ लेकिन हिन्दू वेद. गीता ,रामायण की धार्मिक शिक्षा नहीँ दे सकते" धारा 28,29,30A


Monday, 30 March 2015

खुद सहयोग कर नही सकते, लेकिन इनको चाहिये मोदी सरकार का पूरा सहयोग

==>> खुद सहयोग कर नही सकते, लेकिन इनको चाहिये मोदी सरकार का पूरा सहयोग <<==

AK-67 ने BJP मेयरों से कहा, 'केंद्र से मांगो पैसे'।
तो केजरी से पूछो तू सरकार बनाके दिल्ली में क्यों बैठा है ???
केजरीवाल ने बीजेपी के मेयरो को पैसे देने से साफ़ इंकार कर दिया .. खुद पानी के लिए खट्टर के आगे किस मुंह से हाथ पसार रहे है ? देख लेना फ्रस्टेट होकर अंत के केजरीवाल भी पानी के लिए अजीत पवार वाला जबाब ही देने वाले है।
यह एक जिम्मेदार नेता की भाषा नही हो सकती यह तो पहले ही मालूम था, केजरीवाल देल्ही का सरदर्द है. क्या नेता चूना है देल्ही की जनता ने...धन्ये है ऐसी जनता...
अभी तो "पार्टी (नौटंकी) शुरु हुई है" देखते जाओ !!!



हर बार हिन्दुओ को ही क्यों बलि का बकरा बनाया जाता है है

===>> हर बार हिन्दुओ को ही क्यों बलि का बकरा बनाया जाता है  है  <<==
1 गांधी मरा, 6000 ब्राहमणों को मारा गया, 1 इंदिरा मारी, 4700 सिखों को मारा गया, 1 दामनी को दर्दनाक मौत दी गयी, 1 मोमबत्ती जली !
मुस्लमान वन्दे मातरम न बोले तो ये उन का धार्मिक मामला है, नरेन्द्र मोदी टोपी ना पहने तो ये उन का सांप्रदायिक मामला है ?
डेनमार्क में अगर कोई फोटो बन गयी तो उस का सर कलम, श्रीराम की जमीन पर अगर मंदिर बना तो हिन्दू बेशर्म !
गोधरा में जो ५६ हिन्दू पहले जले वो भेड़ बकरी और उसके बाद जो मुस्लिम मरे वो देश के सच्चे प्रहरी ?
१५ साल पहले ही कश्मीर हो गयी हिंदुवो से खाली, देश की बढती मुस्लिम आबादी हमारी खुशहाली ?
पठानी सूत, नमाजी टोपी में वो ख़ूबसूरत, हम सिर्फ तिलक लगा लें या राम कह दे तो आतंक की मूरत ?
कोई लड़ता है यहाँ पाकिस्तान के लिए,
कोई लड़ता है उर्दू जुबान के लिए,
सब चुप हो जाते हैं श्री राम के लिए,
अब तो गूंजते हैं नारे तालिबान के लिए,
हिन्दू परेशान है नौकरी और दुकान के लिए !
मैं पूछता हूँ इसका समाधान कहाँ है?
अरे तुम ही बोलो हिन्दू का हिन्दुस्तान कहाँ है ?

     

अन्ना का NGOs कनेक्शन, अन्ना के Back Supporter कोन

= => अन्ना का NGOs कनेक्शन, अन्ना के Back Supporter कोन <==

पिछले तीन वर्षों से ये गुरु-चेले एक दूसरे को फूटी आँख नहीं देखना चाहते थे, आज दोनों मिलकर जनता की आँखों में धूल झोंक रहें हैं
जनता कि जंतर मंतर भीड नही हुई तो क्या हुवा? आज पुरा आप से लेके पाप तक और ISI से लेके NGOs तक सारे एकजुट हो गई है सरे ब्लैक लिस्ट NGOs आज एना के साथ है और तो और चंदे का धन्दा भी खूब जोरो से चल रहा है अये दिन कोई न कोई check थमा जाता है अन्ना को |
पिछले 15 वर्षों में इस किशन बाबूराव उर्फ़ अन्ना के गृहप्रदेश महाराष्ट्र के कांग्रेसी शासन में हुए 70,000 करोड़ के सिंचाई घोटाले से किसान तबाह हो गए, लगभग 90,000 हज़ार किसानों ने आत्महत्या की.
खुद इसके गृहजिले अहमद नगर में लगभग 5,000 किसानों ने आत्महत्या की.
लेकिन उस दौरान इन मुद्दों को लेकर ये किशन बाबूराव उर्फ़ अन्ना महाराष्ट्र में किसी कांग्रेसी CM के खिलाफ, दिल्ली में किसी कांग्रेसी PM के खिलाफ, सोनिया-राहुल के खिलाफ धरने पर कभी नही बैठा. उनके खिलाफ कभी एक शब्द तक नहीं बोला
बंगाल में ममता बनर्जी सरकार में हुए दसियों हज़ार करोड़ के सारदा घोटाले में लाखों किसान लुट गए. लेकिन ये किशन बाबूराव उर्फ़ अन्ना लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी के लिए वोट मांगकर ममता बनर्जी को PM बनाने के लिए कलकत्ता से दिल्ली तक सियासी मुजरा करते हुए घूम रहा था.
लेकिन ये अन्ना लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी के लिए वोट मांगकर ममता बनर्जी को PM बनाने के लिए कलकत्ता से दिल्ली तक सियासी नौटंकी करते हुए घूम रहे थे।
आज जब मोदी जी देश की बेरोजगारी कम करने के लिये प्रयत्न कर रहे हैं तो किसानों को तो कोई कष्ट नहीं पर ये लोग अपनी दुकान का प्रदर्शन कम NGOs सग्रक्षण जांदा लग रहा है अन्ना को जिस हिसाब से NGOs का समर्थन मिला रहा है आप खुद समज सकते है इसके पीछे कोन है और क्या चाहता है |
" जय हिन्द जय भारत "
@विक्रम लाला